यह अपना वतन पाक है मिट्टी जिसकी
जां से भी है प्यारी हमें हर शय इसकी
लेकिन इंसानियत से बढ़ कर भी है कुछ
मुल्कों में बहम फिर फौकीयत किसकी।
यह अपना वतन पाक है मिट्टी जिसकी
जां से भी है प्यारी हमें हर शय इसकी
लेकिन इंसानियत से बढ़ कर भी है कुछ
मुल्कों में बहम फिर फौकीयत किसकी।