आज, मैं सपना देखूँगी
हक़ीक़त से मिलता जुलता ।
कल, मैं हक़ीक़त को
सपने में बदल दूँगी ।
परसों, मैं थक जाऊँगी
हक़ीक़त से
सपने से
दोनों के एक जैसे होने से ।
परसों मिलूँगी मैं
मुझ से
थकी थकी।
आज, मैं सपना देखूँगी
हक़ीक़त से मिलता जुलता ।
कल, मैं हक़ीक़त को
सपने में बदल दूँगी ।
परसों, मैं थक जाऊँगी
हक़ीक़त से
सपने से
दोनों के एक जैसे होने से ।
परसों मिलूँगी मैं
मुझ से
थकी थकी।