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आग और मानव / सुरेश विमल

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आदि मानव ने
आग का आविष्कार किया
आधुनिक मानव ने
आग कज प्रकृति को
अपने सम्पूर्ण
चेतन अवचेतन में
समर्पित भाव से
गहराइयों तक
उतारा...!

अतः पूर्व में जो आग
जलती रही मानव के लिए
वही आग
अब मानव को
उसके समग्र व्यक्तित्व
और परिवेश के साथ
तिल-तिल कर
जला रही है

और विवश मानव के पास
जलते रहने के सिवा
कोई चारा नहीं है
क्योंकि आग के बिना
उसका गुज़ारा नहीं है...!