मेर गुड़िया बड़ी सयानी,
छम-छम माँग रही है पानी।
नन्हे-नन्हे हाथ उठाकर
थोड़ा पैरों को ठुमकाकर।
दिखा रही है नाच सजीला,
लहरा करके आँचल नीला।
नैन-नक्श की प्यारी है यह,
मन की राजकुमारी है यह।
क्या हुआ यदि है यह काली,
दिल की तो है भोली-भाली।
मेर गुड़िया बड़ी सयानी,
छम-छम माँग रही है पानी।
नन्हे-नन्हे हाथ उठाकर
थोड़ा पैरों को ठुमकाकर।
दिखा रही है नाच सजीला,
लहरा करके आँचल नीला।
नैन-नक्श की प्यारी है यह,
मन की राजकुमारी है यह।
क्या हुआ यदि है यह काली,
दिल की तो है भोली-भाली।