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पंखा / प्रकाश मनु

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बिजली आई तो झटपट से
पंखा चला, मिला है चैन,
बाहर कितनी भी गरमी हो
घर में पंखे से है चैन।
पंखे, पंखे, सच कह देना
किसने तुझे बनाया था?
सबके मन को ठंडक देना
किसने यह समझाया था?

गरमी में दुनिया झल्लाई
पंखा है तो है कुछ चैन,
वरना गरमी चाची आकर
कर देती सबको बेचैन!