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सयाना ऊँट / प्रकाश मनु

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इतने ऊँट, इतने ऊँट,
देखो-देखो कितने ऊँट!
कहाँ जाएँगे, किधर जाएँगे
क्या ये बस चलते जाएँगे?
आँधी-पानी या तूफान,
लेकिन बढ़ते इसके पाँव।
तपती गरमी, मिला न पानी
लेकिन बढ़ता यह अभिमानी।
सब कहते हैं बड़ा सयाना,
यह जहाज है रेगिस्तानी।