संयोग मुझे क्षमा करना कि मैंने तुम्हें अनिवार्यता जाना ।
अनिवार्यता मुझे क्षमा करना अगर मैंने ग़लत समझा ।
खुशी मुझसे न रूठो, कि मैं सोचती थी तुम मेरी हो ।
मेरे मृतको, मैं शर्मिन्दा हूँ कि तुम कम-कम ही अब याद आते हो ।
काल, मुझे माफ़ करना कि घड़ी पल का हिसाब मुझसे न रखा गया ।
पिछले प्यार, माफ़ करना कि नए प्यार को ही पहला समझ रही हूँ ।
अतीत के युद्धो, मुझे माफ़ करना कि गुलदस्ता लेकर घर लौटी हूँ ।
रिसते हुए ज़ख़्मो, माफ़ करना कि मैंने भी उँगली में सुई चुभो ली है ।
आर्त्तनाद करते लोगों से माफ़ी चाहती हूँ मैं नाच-गाने का रिकॉर्ड बजाने के लिए ।
रेलवे स्टेशनों पर प्रतीक्षारत लोगो, मैं शर्मिन्दा हूँ कि सुबह पाँच बजे सोयी पड़ी हूँ आज ।
मौक़े-बेमौक़े हँसने के लिए शर्मिन्दा हूँ, ओ लहूलुहान आशा !
रेगिस्तानो, मुझे माफ़ कर देना कि चम्मच भर पानी लेकर तुम तक दौड़ी न आई ।
और ओ गरुड़, तुम, साल दर साल, हरदम उसी पिंजरे में बैठे,
एकटक उसी एक बिन्दु को निहारते हुए, तुम भी मुझे माफ़ कर देना,
गो कि तुम मसाला लगे, भुस भरे परिन्दे ही तो थे ।
मैं गिराए गए पेड़ से माफ़ी माँगती हूँ मेज़ के चार पायों के लिए।
मैं बड़े सवालों से माफ़ी चाहती हूँ छोटे जवाबों के लिए ।
सत्य, मेरी तरफ़ इतने ग़ौर से न देखो।
गरिमा, मुझ पर भी महरबान रहो ।
जीवन-रहस्य, बुरा न मानना कि तुम्हारी पोशाक से कोई तार
मैं कभी कभार खींच लेती हूँ ।
आत्मा, मुझसे नाराज़ न होना कि मैं तुम्हें बेशतर भूले रहती हूँ ।
मैं शर्मिन्दा हूँ कि ब-यक-वक़्त हर जगह नहीं हो सकती ।
मैं हरेक से माफ़ी चाहती हूँ कि मैं हर औरत, हर मर्द नहीं बन सकती ।
मैं जानती हूँ मेरे इस तरह होने का कोई औचित्य नहीं है
कि मैं ख़ुद अपना रास्ता रोके खड़ी हूँ ।
मुझसे बदगुमान न हो वाणी कि मैं भारी भरकम शब्दों को चुनती हूँ,
और फिर मेहनत करती हूँ कि वे हल्के फुल्के मालूम हों ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : असद ज़ैदी