Last modified on 17 नवम्बर 2020, at 21:54

चित्र तुम, पट मैं / रामगोपाल 'रुद्र'

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:54, 17 नवम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामगोपाल 'रुद्र' |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चित्र तुम, पट मैं; अलग भी कब अलग?

तरलता मुझमें नहीं, तो क्या हुआ?
तरल कूची से मुझे तुमने छुआ!
धार तुम, तट मैं; अलग भी कब अलग?

मधुपता मुझमें नहीं, तो क्या हुआ?
दर्द का स्वर है, यही क्या कम दुआ!
गन्‍ध तुम, रट मैं; अलग भी कब अलग?

पूर्णता मुझमें नहीं, तो क्या हुआ?
तुम स्वयं ढलते रहे; मैं कब चुआ!
नीर तुम, घट मैं; अलग भी कब अलग?