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मात सारदे / शीतल साहू

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तव चरणों में नित शीश नवाऊँ
सुनलो मोरी अरदास
कृपा दृष्टि इस दास पर किजो,
सुन लेहु मोरी मात।

जग असार ये मैं जानु
क्षण भंगुर जीवन मैं मानु
काहे इतनी फेर भयो हैं
काहे इतनो देर करो हैं।

अंगुली तनिक पकड़ लिजौ मोरी
गोद में तनिक उठा लिजौ मोही
भव बंधन की माया काटौ
हे मात शारदे मोहे अब तारौ।