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युवा रवानी / सुरंगमा यादव

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89
कैसी विदाई !
छोड़ कर भागते
ये बंधु-भाई।
90
डर का डेरा
मानव का उसमें
आज बसेरा।
91
शक्ति उद्दाम
मानव गति पर
आज विराम ।
92
पथिक बिन
सूनी सड़कों पर
भटकें दिन।
93
कोयल कूकी
ये सूनी अमराई
कभी न देखी।
94
वक़्त ने दिया
आज वक़्त इतना
कटता नहीं ।
95
चीन के काज
महामारी की गाज
जग पे गिरी।
96
लाॅकडाउन
बेबस मजदूर
गाँव भी दूर।
97
भीतर भूख
बाहर है कोरोना
जायें तो कहाँ ।
98
मंदिर बंद
खुले मदिरालय
झूमते भक्त ।
99
युवा रवानी
मुश्किल को करती
पल में पानी