उछल उछल कर आया बंदर
इस डाली से उस डाली पर
कभी लटक-कर कभी झूल कर
धमा-चौकड़ी करता दिनभर
कभी घरों से कपड़े लेता
बटन पकड़कर नोचा करता
घर के अंदर घुस जाता है
फल अनाज सब खा जाता है
उछल उछल कर आया बंदर
इस डाली से उस डाली पर
कभी लटक-कर कभी झूल कर
धमा-चौकड़ी करता दिनभर
कभी घरों से कपड़े लेता
बटन पकड़कर नोचा करता
घर के अंदर घुस जाता है
फल अनाज सब खा जाता है