Last modified on 6 फ़रवरी 2021, at 00:23

प्रदूषण / राजेश कमल

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:23, 6 फ़रवरी 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेश कमल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पहले
प्रतिस्पर्धियों का नाम दुश्मन रखा
फिर
दुश्मनों के चेहरे को रंग दिया
बनाया विद्रूप (जितना सम्भव था)
और फूँक दिया हवाओ में

हवाओं में तरंग उसी के मुसाहिब थे
या हवाएँ हीं उनकी दास थी
मालूम नहीं

लेकिन
तबसे ही तरंगों में तैर रहे हैं विद्रूप चेहरे
और तबसे ही
दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर इधर ही है