वह एक खूबसूरत कविता थी
मैं हर पल उसे गुनगुनाता
उसके शब्दों में खोया रहता
लेकिन
मैं उसका कवि नहीं था
सो एक दिन
वह चली गई
किसी किताब के किसी पन्ने में
अपने कवि के नाम
और मैं हूँ
कि उन शब्दों के जादू से नहीं उबर पाया
अब तलक
वह एक खूबसूरत कविता थी
मैं हर पल उसे गुनगुनाता
उसके शब्दों में खोया रहता
लेकिन
मैं उसका कवि नहीं था
सो एक दिन
वह चली गई
किसी किताब के किसी पन्ने में
अपने कवि के नाम
और मैं हूँ
कि उन शब्दों के जादू से नहीं उबर पाया
अब तलक