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मेरी भाषाएँ / लाल्टू

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मैं उनसे जन्मा या वो मुझसे ।
लड़खड़ाते क़दमों पर जब पहली बार खड़ा था

उससे बहुत पहले माँ ने मुझे शब्दों का संसार दिया था
माँ ने सँजोए मेरे सपने, जिस्म की कम्पन, रुह की चीख़ें,
और बेटी आँखों की पुतली है, उसकी आवाज़ों में मेरा प्राणपाखी चहकता है

पराई माँ को अपना लूँ तो क्या अपनी छोड़ दूँ
किसी की बेटी घर आई तो मेरी बेटी मेरी न रही ?

रज्जु जो नाभि से बँधी थी, मिट जाएगी ?
न समझें लोग पर तुम समझना
साथ बैठ सूफ़ी गाना, बाउल गाना

कबीर, लालन, नानक गाना
रब से साँईं से कहना कि उन तक पहुँचाया जिन ज़ुबानों ने
उनके प्यार में अल्ला हूँ

हर ज़बान से प्यार करता हूँ
पहले अपनी भाषाओं से प्यार करता हूँ ।

2010
  
  लीजिए, अब इसी कविता का अँग्रेज़ी अनुवाद पढ़िए

                 Laltu
            My Tongues

Was I born of them or they were from me
When I was up on my staggering feet for the first time

Much before that Ma gave me the world of words
Ma shaped my dreams, the shiver in my body, the screams of my soul
And my daughter is the star of my eye, her voice is a reflection of my soul-bird

If I adopt a daughter, should I then forget my own?
Will the umbilical cord disappear?

Not all may get it, but you must know
Sit with me and sing _Sufi, Baul_
Sing Kabir, Lalan, Nanak

Talk to my _Rabb_, my _Sain_
That the tongues that carried me to them
I sing _Allah Hoo_ to them in love

I love any language
My own tongues come first.

2010