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विद्यार्थी जीवन / जटाधर दुबे

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विद्यार्थी रोॅ जीवन होय छै दामी
लड़का बनेॅ सकै छोॅ नामी
जों करेॅ समय रोॅ सही उपयोग,
आरो काम करेॅ जबेॅ पूरा मनोयोग से
फेरू आगू बढ़ि जैतै ऊ
भारत के नाम रौशन करतै वें।

विद्यार्थी जीवन होय छै छोटोॅ
यै में संघर्ष तेॅ छै मतुर सुखोॅ रोॅ दरिया भी छै,
यै में जे बनै छै सच्चा
ऊ जिनगी में कहियोॅ नै रहै छै कच्चा,
सच्चै में ई जीवन होय छै महान
ऐ! छात्र सिनी ई हमरोॅ कहलोॅ मान।

अवसर-अवसर हम्में रटै छियै
मतुर हम्में ई नै जानेॅ पारै छियै
कि ई अवसर कखनी चुप्पे-चुप आबै छै,
आरो सुतलोॅ पाबी केॅ आगू बढ़ी जाय छै
सच्चै में जे सुतै छै वें सब कुछ खोय दै छै,
जे रहै छै जगलोॅ, वहीं पाबै छै।

अवसर तेॅ छै सबके पास
फेरू कैन्हेॅ बनै छोॅ कस्तूरी मृग नाकी
रे, जें ऐकरा खोजी केॅ पाबै छै
मुट्ठी में कस्सी केॅ बान्है छै
संसारोॅ में वहीं नाम कमाबै छै
सरंगोॅ रोॅ तारा बनी जाय छै।