Last modified on 7 जून 2021, at 15:48

भारत महान / संजीव 'शशि'

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:48, 7 जून 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संजीव 'शशि' |अनुवादक= |संग्रह=राज द...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

गौरवशाली अतीत जिसका,
स्वर्णिम है जिसका वर्तमान।
शत शत वंदन, शत अभिनंदन,
जय जय मेरा भारत महान।।

अनमोल धरोहर वेदों की,
अंतस में रामायण, गीता।
राधा-मोहन, शिव-पार्वती,
जिसके आँगन रघुवर-सीता।
तुलसी, कबीर, गुरु नानक की,
वाणी भरती है प्रखर ज्ञान।

राणा प्रताप, लक्ष्मीबाई,
थे वीर शिवा से रखवाले।
आजाद, सुभाष, भगत सिंह से,
थे आजादी के मतवाले।
हँसते-हँसते जिसके बेटे,
चरणों में करते शीशदान।

अपनेपन के रिश्ते-नाते,
बहते ममत्व के धारे हैं।
सब धर्मों का सम्मान यहाँ,
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे हैं।
गुंजित होते हैं साथ-साथ,
जयकारे, गुरु वाणी, अजान।
जो अंतरिक्ष तक जा पहुँचा,
परमाणु शक्ति संपन्न बना।
था विश्व गुरू, है विश्वगुरू,
है सर्वश्रेष्ठ, है महामना।

हरपल आगे बढ़ता जाये,
गढ़ता जाये नव कीर्तिमान।