Last modified on 21 जून 2021, at 23:05

माँ / विमलेश शर्मा

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:05, 21 जून 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विमलेश शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=ऋण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वो
बेवज़ह आँखों में
पानी की वजह पूछती है
माँ है न
हर वजह के पीछे
की बेवजह को जानती है
चुप रहती हैं
चुप बहती हैं
वजह बेवजह
अलगनी पर
बस एक सीख टाँक जाती हैं

कुछ दर्द सुखाते हुए
कुछ उतारते हुए!