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तेरा ख़्याल / पंछी जालौनवी

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सब अपने अपने
घरों में क़ैद हैं
सारे रस्ते हैं बंद
हर मोड़ पे लगे हैं
बेरिकेट्स
हर चौराहे पर हैं
वर्दी वाले
चाक़-ओ-चौबंद
ना कोई आ सकता है
ना कोई जा सकता है
ये सोच के
जब मेरा
दिल घबराता है
मुझको
तसल्ली देने की ख़ातिर
तेरा ख़्याल
ना जाने किधर से आता है॥