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वक़्त / पंछी जालौनवी

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तेरी ही शर्तों पे
अगर तुझको
करना है क़ुबूल
तो सुन ले ए वक़्त
मेरी तुझसे
बहुत ज़्यादा दिनों तक ना बनेगी
तुझे भी मेरे साथ
कुछ दूर तक चलना होगा
हम चलते आये हैं
तेरे क़दम से क़दम मिलाकर
सदियों तेरे साथ
अब तुझे भी रवैया अपना बदलना होगा
जिस तरह तू अच्छा
और बुरा होता है हमारे लिये
तो सुन ले ए वक़्त
हम भी बहुत दिनों तक
सिर्फ अच्छे नहीं रह सकते
तुम्हारे लिये
हो सके तो सुधर जाओ
इन अंधेरों में उजाला करो
वरना कहीं और जाके
मुंह काला करो ॥