Last modified on 18 नवम्बर 2021, at 00:17

लाल कुरती / त्रिलोकीनाथ दिवाकर

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:17, 18 नवम्बर 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिलोकीनाथ दिवाकर |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

लाल कुरती सिलाय देभौं हे
हाँथ कंगन पिन्हाय देभौं हे

आँख सुन्दर लगै जनाँ हिरणी
नाक बेसर बरै जनाँ किरणी
कान झुमका झुलाय देभैं हे,
हाँथ कंगन पिन्हाय देभौं हे।

गाल कोमल गुलाब के भरनी
बाल ढलकै जनाँ गिरै झरनी
ठोर लाली लगाय दैभौं हे,
हाँथ कंगन पिन्हाय देभौं हे।

गोड़ पायल बजै छमा छमछम
लाल टिकली करै चमा चमचम
सात जनमों निभाय देभौं हे,
हाँथ कंगन पिन्हाय देभौं हे।