Last modified on 20 नवम्बर 2021, at 19:33

प्राथमिकता / सुषमा गुप्ता

वीरबाला (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:33, 20 नवम्बर 2021 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दो लोगों का प्रेम
होता नहीं है कभी एक-सा।

वह जब भी मिलता है मुझसे
सामान्य होती हैं
उसकी परिस्थितियाँ
  
परिस्थितियाँ कैसी भी हों मेरी
मैं मिल ही लेती हूँ उससे।