मत फेकोॅ जानी के पानी
राखोॅ खुच्चों खान्हीं-खन्हीं
दिक्कत होला से पहिनें सब
चलॉे बचाबॉे कनकन पानी।
जब भी पीयोॅ छानी-छानी
खूब सीसोहोॅ टटका पानी
नो बजथैं सूतै के घरिया
तानोॅ पहिनें मच्छरदानी।
मत फेकोॅ जानी के पानी
राखोॅ खुच्चों खान्हीं-खन्हीं
दिक्कत होला से पहिनें सब
चलॉे बचाबॉे कनकन पानी।
जब भी पीयोॅ छानी-छानी
खूब सीसोहोॅ टटका पानी
नो बजथैं सूतै के घरिया
तानोॅ पहिनें मच्छरदानी।