Last modified on 28 नवम्बर 2021, at 00:39

ताला / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:39, 28 नवम्बर 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर' |अनुवादक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हल्का ताला, भारी ताला
हर घर के आगू मतवाला
राजा रहेॅ कि मुंशी लाला
अलग अलग चाभी के ताला
डोॅर बिना जोगै रखवाला।

अपनोॅ मन से कहीं न टसमस
बात सुनै छै चाभी के बस
मंदिर मसजिद सॅे भी पाला
ताला नै भूलै घरबाला।