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पेड़ / अनिमा दास

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मेरी गोद मे
सिर रख सो जा तू
बाँहें पसारे खड़ी हूँ मैं
दुख सारे बाँट ले मुझसे
तेरी माँ हूँ मैं ...।

रोज़ सींचूँ साँसें तुम्हारी
अणु- अणु है मेरी अमृतधारा
आ ! मैं तेरा जीवन सँवार दूँ
आशाओं की बारिश करूँ मैं
तेरी माँ हूँ मैं ......।

शाखाएँ मेरी सपने हैं तेरे
स्नेहिल स्पर्श से
सावन की बौछार दूँ मैं
तेरी माँ हूँ मैं .....।

ये शीतल छाया
फिर कब मिलेगी?
तपती धूप में
तू कब तक जलेगा?
आ ! कोमल बचपन तुझे दूँ
करूँ मैं
तेरी माँ हूँ मैं .....।
तेरी माँ हूँ मैं .......।
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