सच्चो सच्च बताना साईं
आगे-आगे क्या होना है
खेत को बीजूँ न बीजूँ
पालूँ या न पालूँ रीझें
धनिया-पुदीना बोऊँ या न बोऊँ
अफ़ीम ज़रा-सी खाऊँ या न खाऊँ
बेटियों को ससुराल से बुलाऊँ
कब ठाकुर सीमाएँ पूरे
तुम पर मैं क़ुरबान जाऊँ
आगे-आगे क्या होना है।
दरिया खड़े न हों परमेश्वर
बच्चे कहीं बेकार न बैठें
ये तेरा ये मेरा बच्चा
दोनों आँखों के ये तारे
अपने ही हैं बच्चे सारे
भरे रहें सब जग के द्वारे
भरा हुआ कोना-कोना है
आगे-आगे क्या होना है।
बहे बाज़ार बहे ये गलियाँ
घर-बाहर में महकें कलियाँ
तेरे-मेरे आंगन महकें
बेटे धीया घर में चहकें
बम-गोली-बन्दूक उतारो
इन की आँखों में न मारो
ख़ुशब