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उडीक बिरथा / चंद्रप्रकाश देवल

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नित-हमेस
सुख-सोराई री पीठी
राखै साफ कूणी
थारी पसम पळकती

गलीचै वाळा पगमंडणा री मारगू
थारी तौ अेड्यां ई नीं फाटै
म्हैं मेल-हेड़णियौं केलू
पछै कद याद आवूं

चिंतारण री उडीक बिरथा।