आज फिर पिंजरे के पंछी ने देखीं
टूटी चूड़ियां
उदास चूल्हा
लुढ़की बोतल
भीगा तकिया
आज फिर पंछी
अपनी क़ैद पर मायूस ना हुआ।
आज फिर पिंजरे के पंछी ने देखीं
टूटी चूड़ियां
उदास चूल्हा
लुढ़की बोतल
भीगा तकिया
आज फिर पंछी
अपनी क़ैद पर मायूस ना हुआ।