Last modified on 16 अगस्त 2022, at 00:20

अनचीन्हे रंग / भावना शेखर

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:20, 16 अगस्त 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भावना शेखर |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैंने देखे हैं हजारों रंग
क़ायनात में बिखरे हुए
पर नहीं पहचान पाती
कुछ रंग आज भी,

यह कलर ब्लाइंडनेस है,
कोई भ्रम या तंगी तजुर्बे की ?

जोड़ चुकी हूं
रिश्ता सब रंगों से,
बस नहीं पहचानती
क्या रंग है पाप का
जंग का
और
तेरा ऐ खुदा!