उसी धारा में हम फिर से नहीं उतर सकते
जिसमें कल तैरते रहे थे I
हर बार जब हम उतरते हैं फिर-फिर
बहती हुई धारा में
तो अतीत की स्मृतियाँ भी साथ होती हैं I
स्मृतियाँ ही परिचय का आभास देती हैं
और नएपन का भी I
बीच में प्रतीक्षा होती है
सपनों से लदी-फदी I