Last modified on 28 अगस्त 2022, at 12:57

हलफ़नामा / शशिप्रकाश

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:57, 28 अगस्त 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शशिप्रकाश |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavi...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

यह तो नहीं कहूँगा कि
अपने उसूलों की तरह,
अपने आदर्शों की तरह,
अपने विचारों की तरह
प्यार किया
लेकिन मैंने अपने उसूलों, आदर्शों और विचारों के साथ
जीते हुए
तुमसे प्यार किया I

यह तो नहीं कहूँगा कि
वसन्त की तरह
तुम्हें प्यार किया,
लेकिन पतझड़ के दिनों में भी मैंने
तुमसे वसन्त के दिनों जैसा ही प्यार किया I

यह तो नहीं कहूँगा कि
अपनी सबसे प्रिय स्मृतियों और
सपनों की तरह
तुम्हें प्यार किया,
लेकिन जब भी अपनी
सबसे आत्मीय स्मृतियों और
सपनों के साथ था
तो तुम्हारे साथ-साथ था I

मैंने तुम्हारी अनुपस्थिति में भी
तुम्हें तुम्हारी उपस्थिति की तरह
प्यार किया
जब भी तुम्हें याद किया !