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फागुन / जय गोस्वामी

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धूल से झरता है ख़ून
पुलिस लाशों को टांगों से घसीटती हुई ले जाती है।
आज है 14मार्च! जबर्दस्त फागुन !
पेड़ों पर हस्बेमामूल
गहगहाकर खिले हैं पलाश !

बांग्ला से अनुवाद : सुशील गुप्ता