Last modified on 13 नवम्बर 2022, at 21:13

अकारण / गुलशन मधुर

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:13, 13 नवम्बर 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलशन मधुर |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अकारण नहीं है
उनका
तुम्हारी आंखों में झांककर
उल्टे पांव लौटना
क्यों तुमने
अपनी आंखों को
दर्पण हो जाने दिया