गर पानी से आकाश
निकल जाए तो शायद
पानी से निकले बग़ैर
पानी में तिरछी दिखती
सीधी हो सकती है
लकड़ी
पानी में ही
पानी-पानी हूँ
गर पानी से आकाश
निकल जाए तो शायद
पानी से निकले बग़ैर
पानी में तिरछी दिखती
सीधी हो सकती है
लकड़ी
पानी में ही
पानी-पानी हूँ