Last modified on 14 अप्रैल 2023, at 19:42

चाय-1 / नूपुर अशोक

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:42, 14 अप्रैल 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नूपुर अशोक |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

प्रेम?
यह घटना कभी घटी ही नहीं,
बस सुबह उठते ही
बनाती हूँ एक कप चाय अपने लिये
और एक कप तुम्हारे लिये भी,
इन दोनों का एक साथ बनना
हर सुबह घुल जाता है
जीवन में प्रेम की तरह।
प्रेम एक घटना है या जीवन?