अलविदा / गौरव गुप्ता

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जब भी
अलविदा लिखने के लिए लिखा 'अ'
हाथ काँपने लगें
"अ" के अकेलेपन को हर बार बदलकर "आ" किया
और पूरा किया वाक्य "आ जाओ"
पर
तुम कभी नहीं आयी
और
मैं कभी नहीं लिख सका अलविदा।

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