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आजीवन / लाल्टू

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फिर मिले
फिर किया वादा
फिर मिलेंगे।

बहुत दूर
इतनी दूर से नहीं कह सकते
जो कुछ भी कहना चाहिए

होते करीब तो कहते वह सब
जो नहीं कहना चाहिए

आजीवन ढूंढते रहेंगे
वह दूरी
सही सही जिसमें कही जाएँगी बातें