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दुःख / कुलदीप सिंह भाटी

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एक को पहाड़ों
और
दूसरे को मायके से निकलना होता है।

एक को सागर
और
दूसरे को ससुराल में मिल जाना होता है।

मिलने पर
नदियों की खो जाती है सरसता
और
स्त्रियों से छूट जाता है उपनाम।
कितना कुछ मिलता-जुलता होता है

दुःख.
नदियों और स्त्रियों का।