Last modified on 31 मई 2024, at 15:09

दीवार / प्रिया जौहरी

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:09, 31 मई 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रिया जौहरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम्हारे और मेरे बीच एक दीवार है
ईंट और सीमेंट से बनी न सही
पर फिर भी है
या यूं कहूँ कि उसका अस्तित्व उससे भी मज़बूत है
दीवार पारदर्शी है दिखती नही
महसूस होती है उसका वजूद जो है
उस वजूद को समय और समाज ने क़ायम जो रखा है
मोटी है इस दीवार की परतें
धर्म ,जाति ,लिंग ,परम्पराओं ,मान्यताओं की परतें
तुम और मैं अपने विचारों से
कितने आघात करते हैं इस खोखली दीवार पे
पर न जाने क्यों ये गिरती ही नहीं ।