Last modified on 2 जून 2024, at 00:08

पत्नी की इज्जत / शिवांगी गोयल

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:08, 2 जून 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवांगी गोयल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

उसने मुझसे कहा कि मैं तुमसे 'प्रेम' करता हूँ
ये भी कहा कि मैं अपनी पत्नी की 'इज्जत' करता हूँ
जब उसके शरीर से बह रहा खून नहीं रुकता है
और वह मेरे शरीर से कस के लिपट जाती है
तो उसे रोता देख मैं भी रो पड़ता हूँ
और मैंने सोचा कि पति को इतना ही हस्सास होना चाहिए

उसने मुझसे फिर कहा मैं तुमसे 'प्रेम' करता हूँ
पर मैं अपनी पत्नी की 'इज्जत' करता हूँ
और उसे अब ज़्यादा ख़फ़ा नहीं कर सकता
मैंने उससे वादा किया है कि अब तुमसे बात नहीं होगी
मैंने सोचा कि पति को इतना ही वफादार होना चाहिए

उसने मेरी दोस्त से कहा मैं तुम्हारी खूबसूरती से 'प्रेम' करता हूँ
पर उसे नहीं बताया कि एक पत्नी है जिसकी 'इज्जत' करता हूँ

मैंने सोचा कि पति को ऐसा ही होना चाहिए
जो अपनी पत्नी की इज़्ज़त करे
क्योंकि प्रेम मर सकता है, इज़्ज़त बरकरार रहती है!