सूरज! बहुत आग है तुम में
और मैं नहीं चाहता सूरज होना
क्योंकि झुलस जायेंगे
पंछियों के पंख
मैं बादल ही भला
भिगो दूँ सब को बाहर भीतर
सूरज! बहुत आग है तुम में
और मैं नहीं चाहता सूरज होना
क्योंकि झुलस जायेंगे
पंछियों के पंख
मैं बादल ही भला
भिगो दूँ सब को बाहर भीतर