Last modified on 15 अक्टूबर 2024, at 19:24

माँ कहलैन / दीपा मिश्रा

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:24, 15 अक्टूबर 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीपा मिश्रा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

माँ कहलैन
धान बनूँ
हम धान बनलौं

बाबू कहलैन
आगि बनूँ
हम आगि बनलौं

बाबा कहलैन
अहाँ बाट बनूँ
हम बाट बनलौं

दादी कहलैन
अहाँ दीप बनूँ
हम दीप बनलौं

धान
आगि
बाट
दीप
सबकिछु बनि जखैन
हम अपनाकेँ चीन्हब
शुरू केलौं

हमर दीप मिझा गेल
बाट कतौ हरा गेल
खोंइछमे धान भरि देल गेल
आगिक संग नब परिचय भेल

हम बस धान आ आगि संग
जीवन बितबय लगलौं
बाबा दादी के बात मोनकेँ
कहुखनकेँ मथैत रहल

फेर एक दिन
एकटा सूर्य चमकल
ओकर इजोतक चकचोन्हिसँ
दीप पजैरि गेल
बाट सोंझा आबि गेल

आब हम सूर्य दिस तकैत
धान,आगि संग
हाथमे दीप लेसने
नब बाटक सन्धानमे लागल छी