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हँसी / दीपा मिश्रा

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हम पहिल बेर तहिया हँसलौं
जहिया सुनलौं जे बाहर
पुत्र लेल कोबुला कयल जा रहल छल
फेर भेल ई हमर कौन दोख
संसारकेँ देखबाक लोभ त' हमरो छल
बिना कोनो विशेष ताम झामकेँ आबिये गेलौं

ठेहुनिया देबा काल सुनैत रही
कोनो नै एकरे भागे दोसर बेटा औतै बुआसिन
हमरा जोरसँ हँसी आबि गेल
एतेक काजक हम छी की
मुदा एहि तरहक कोनो चमत्कार नहि
कएलक हमर भाग

दादी कहैत छलीह
सुन्दर लोकके बड सावधान रहय पड़ैत छै
हम हँसैत कहियैन त' काजर पोतिके
कुरूप बना दिए ने
किन्तु सेहो नहि भेल
अपनाकेँ खराब आँखिसँ
बचबैत सम्हारैत चलब सिखबे केने रही
आ की?

एक दिन सुनबामे आएल जे
आब ई घर हमर नै
खूब ठहाका मारि हँसलौं हम
आहि रे बा!!
आइ धरि त' एकरे बुझैत रही
आब की भ' गेलै?

भेल त' किछु नै
राशि नक्षत्र मिला लेल गेल
पोथी पतरा हमर भागक लेख लिख देलक
नोरे झोरे चोरपोटरी माए बांहि देलैन
कानिते कानिते जरल दीप पर पैर धरैत दोसर घर आबि गेलौं

ओहि दिन त' घोघक तरेमे
बताहि भेल हँसलौं जहिया
कानमे पड़ल
नीकसँ बुझा दिऔन
एकरा अपन घर नै बुझैथ
जा ई त' बड अजगुत!
माए बाबू त' किछु आरे कहैत छलाह!

अपन ज़मीन तकैत तकैत
एकटा चिड़इ देखाएल
हँसलौं ख़ूब हँसलौं हम
पाँखि कतय गेल हमर
तकैत तकैत रातिसँ भोर
भोरसँ राति होइत गेल

स्वप्नक ओहि अकाश के
हँसिते विदा केलौं
सजबैत गेलौं भागक देल सब वस्तुकेँ जतन संग
त' कानमे किओ कहलक
अहाँके किछु नै अबैये
चुप रहू
दोषक गिनती ततेक गिनाओल गेल
जे सैकड़ाक पहाड़ा तैयार भ' जाए

आब त'हँसैत हँसैत माथक केश उज्जर भ' गेल
जखैन बेटा कहलक ई सभटा अहाँक ग़लती
किछु नै बुझैत छियै अहाँ
बात त' ठीक कहलक
हम कहाँ कहिओ किछु बुझलियै
सब लेल करैत करैत
अपन मोजरे देब बिसरि गेलौं

अपन मुँहकेँ दाबि हम हँसी रोकलौं
आब हँसब व्यर्थ अछि
हम दोसराकेँ नहि बदलि सकब
हीत मीत परिवार सब पानिक बुलबुला होइए
तेरह दिन मात्र लगतै बिसराबैमे हमरा
सोचय त' पड़त आब
जिनगी उनटा गिनती गनि रहल
हम घड़ीक सुइयाके ओतहि रोकि देलौं
अपन घर लेल माटि त' ताकय पड़त
हँसीसँ आब काज थोड़ेक ने चलत!!