'बाँधे कमरिया करधनी और जाए बलम अँगना'
लाड़ो का बाबा देखे, लाड़ो के लिए
बस, इतना सपना !
और इधर लाड़ो ने रंग-बिरंगे सपने सजा रखे हैं
सूरज की तरह लाल सपने
बादल की तरह सफ़ेद सपने
अंधेरे की तरह काले सपने
पत्तों की तरह हरे सपने
बैरी बाबा सब खाब तोड़ देता है —
'सुरग में टाँका, न लग सकेगा, लाड़ो !
तू अपना माथा काहे को फोड़े...'
लाड़ो कहती है —
'बाबा, मैं मानुस से प्रीत रखूँ
मानुस बनना चाहूँ ।'
'मानुस ! कौन मानुस ?
मानुस तो जग में है ही नाहीं ।
लाड़ो, तू बची रहिओ...'
लाड़ो तोरई की बेल की तरह बड़ी हुई है
बेल का ब्याह नहीं होता
पर लाड़ो का ब्याह हुआ है
लगुन में नगद पैसा चढ़ाकर
बाबा एक बलम लाया है
बलम खील लाया है, बतासे लाया है
हार लाया है, झुमके लाया है
चूड़ी लाया है, पायल लाया है
साड़ी लाया है, शृंगार लाया है
बस, करधनी लाना भूल आया है ।
बाबा फूट-फूट कर रोने लगा —
'इस घर की कोई लाड़ो करधनी बाँधे बिना
ससुराल नहीं गई तो फिर लाड़ो कैसे जावेगी ?'
लाड़ो की विदाई न होने दी बाबा ने
जब तक करधनी नहीं आ जाती
तब तक लाड़ो ससुराल नहीं जाएगी
बारात दुल्हन के बिना ही विदा हो गई ।
कोठरी में बैठी-बैठी लाड़ो हँस रही थी —
'चलो, करधनी के बहाने ही सही
उसे जाना न पड़ा नासमिटी ससुराल'
लाड़ो ने फिर एक खाब देखा है
इस खाब का रंग ज्वालामुखी जैसा है —
बलम कभी करधनी न ला पाए
बाबा तो बूढ़े हैं
एक दिन सुरग चले जाएँगे
फिर सबको समझना ही पड़ेगा
लाड़ो को करधनी नहीं पहननी
उसे बँधना नहीं खुलना है
जैसे खुल गई थी अब्बू ख़ाँ की बकरी
पर बाबा के जाते ही
उसे करधनी में बाँध दिया गया
तो ?
बलम करधनी ले आया
तो ?
बाबुल ने गौने की तैयारी कर ली
तो ?
अम्मा ने उसे करधनी में बाँध दिया
तो ?
क्या कर सकेगी वह
निपट अकेली ?
अच्छा हो बाबा के संग ही
निष्ठुर बाबुल और बलम भी मर जाएँ
और करधनी बाँधने की यह रीत ही
हो जाए
बाबा-बाबुल-बलम की चिता के संग ख़ाक !
2016 या 17 में