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जरूरी है / संतोष श्रीवास्तव

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इक-दूजे का हो कर जाना
क्या हैं जीने के मायने
 
क्यों सीप में स्वाति बूंद
ठहर जाती है
आकाश से धरती तक की
यात्रा करती
सीप सँग समा जाती है
समंदर में

क्या होता है
पीले पत्तों को गिरा
जख्मी टहनियों का दर्द
वीरान जंगल का हाहाकार
 
क्या होता है
धरती की कोख से
ज्वालामुखी का फटना
खौलते लावे की तीक्ष्णता
या संभाल न सकना
आँच की तीव्रता

 क्या होता है
दूध पीते शिशु के
 मुख को निहारती माँ का
असीम सुख की
संतुष्टि में डूब जाना

क्या होता है
सरहद पर तैनात
सैनिकों का
जम जाने की हद तक
गिरे पारे में
सजग प्रहरी-सा चौकस रहना
क्यों भूल जाता है वह ख़ुद को
क्यों याद रखता है
अंतहीन कठिनाइयों में भी
देश हाँ देश को
 
कितना ज़रूरी है
इक दूजे का होना
जिंदगी की पूर्णता के लिए