गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 30 नवम्बर 2008, at 18:38
जब / लालसिंह दिल
अनिल जनविजय
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 18:38, 30 नवम्बर 2008 का अवतरण
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लालसिंह दिल |संग्रह= }} <Poem> जब बहुत-से सूरज मर जाएं...)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
लालसिंह दिल
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
जब
बहुत-से सूरज मर जाएंगे
तब
तुम्हारा युग आएगा
है ना?
मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद :