Last modified on 13 दिसम्बर 2008, at 01:07

शिलांश / पीयूष दईया

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:07, 13 दिसम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पीयूष दईया |संग्रह= }} <Poem> शिखर पर सदियों से उघाड़...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

शिखर पर सदियों से
उघाड़ता हुआ
--शिला का अंश--
उतरता है
माधुर्य में

थकान के वास्ते