♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
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चीरा तो तम पेरो बनाजी पेंचा भोत हजाब
बनाजी थारी बनड़ी हे नादान के बाजो अंग्रेजी चइए।
बाजो अंग्रेजी चइए के पंखी खसखस को चइए
झालर मखमल की चइए गोटा बंबई का चइए।
डांडी सोना की चइए हो जी थारी बनड़ी हे नादान
के बाजो अंग्रेजी चइए ।
बना म्हारा जामा तो तम पेरो के बाजो अंग्रेजी चइए।
इसी तरह से जेवरों के नाम जोड़ते-जोड़ते यह गीत लम्बा होता चला जाता है।