यद्यपि इसकी संभावना बहुत ही कम है तथापि यह संभव है कि किसी रचनाकार या प्रकाशक को उनके द्वारा लिखी गई या प्रकाशित की गई किसी रचना के कविता कोश में होने पर आपत्ति हो। इसी से सम्बंधित कुछ बातें यहाँ नीचे दी जा रही हैं।
कविता कोश पूरी तरह से अव्यावसायिक जालस्थल है। यह विकि तकनीक पर आधारित एक जालस्थल है और विश्व भर से लोग इसके विकास में भाग लेते हैं। इस कोश के अस्तित्व और विकास के पीछे किसी का कोई भी आर्थिक हित नहीं है। कविता कोश का एकमात्र उद्देश्य हिन्दी काव्य को इंटरनैट पर एक जगह प्रतिष्ठित करना है ताकि पूरा संसार इसका लाभ उठा सके। कविता कोश की स्थापना के पीछे एक ही आशा है कि कोश के अस्तित्व में आने से हिन्दी काव्य का प्रचार-प्रसार तेजी से पूरे विश्व में हो सकेगा।
कविता कोश में संकलित सभी रचनाओं के साथ रचनाकारों का नाम दिया जाता है जिससे रचनाकार को उचित श्रेय मिलता है।
इंटरनैट आज के युग में सूचना प्रसार का सबसे बड़ा, लोकप्रिय और सशक्त माध्यम है। वर्तमान युग में इंटरनैट पर किसी भी सूचना को फैलने से रोका नहीं जा सकता। बच्चन की मधुशाला इस समय सैकडों जालस्थलों पर उपलब्ध है। हिन्दी की हज़ारो काव्य रचनाएँ इंटरनैट पर जहाँ-तहाँ फैली पडी हैं। कविता कोश इन सभी रचनाओं को एक स्थान पर लाने का एक प्रयास मात्र है। रचनाकार स्वयं अपनी रचनाओं को कविता कोश में संकलित करना चाहते हैं; क्योंकि इससे रचनाकार का काव्य विश्वभर में पढा़ और सराहा जा सकता है। जब किसी आर्थिक लाभ को लेकर रचनाओं को संकलित या प्रयोग किया जाता है तभी रचनाकारों को आपत्ति होती है। लेकिन कविता कोश की पूर्णतया अव्यावसायिक प्रकृति को देखते हुए रचनाकार (और कॉपीराइट-धारक) इंटरनैट पर कविता कोश जैसे संकलन से केवल प्रसन्न ही हैं। कविता कोश के प्रशंसको में हिन्दी के बहुत से प्रख्यात रचनाकार भी शामिल हैं। और बहुत से रचनाकार जो अभी कोश में संकलित नहीं हैं -वे भी अपनी रचनाओं को कोश में संकलित करने के इच्छुक हैं।
देखा गया है कि प्रिंट माध्यम के पाठक और इंटरनैट के पाठक अलग-अलग होते हैं। जो लोग पुस्तक खरीद कर पढ़ने में रुचि रखते हैं -उन्हें इंटरनैट पर उपलब्ध मूल्यरहित सामग्री भी अच्छी नहीं लगती और वे पुस्तक खरीदकर ही पढ़ते हैं। साथ ही लोग पुस्तकें इस लिये भी खरीदते हैं क्योंकि पुस्तकों का घर और पुस्तकालय इत्यादि में संकलन किया जा सकता है और जब चाहे उसे पढ़ा जा सकता है। इसलिये कविता कोश, किसी भी रचनाकार या प्रकाशक को किसी भी तरह की आर्थिक हानि नहीं पहुँचाता। इसके विपरीत कविता कोश रचनाकार की रचनाओं को वहाँ तक भी पहुँचाता है जहाँ उनकी प्रिंट पुस्तक नहीं पँहुच पाती। इससे रचनाकार के पाठक-समूह में वृद्धि होती है। कविता कोश में पुस्तकों के प्रकाशकों के नाम और पते भी देने की कोशिश की जाती है -इससे उन लोगों को प्रकाशक से सम्पर्क करने में सुविधा होती है जो पुस्तक को खरीदना चाहते हैं।
इस प्रकार कविता कोश रचनाकार, प्रकाशक और पाठक; सभी के लिये लाभकर है। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि कविता कोश हिन्दी और हिन्दी काव्य को विश्व भर में प्रसारित करने का एक सशक्त माध्यम है।
फिर भी यदि किसी रचनाकार / कॉपीराइट-धारक को कोई आपत्ति है तो उनसे अनुरोध कि वह हिन्दी काव्य के प्रचार-प्रसार को ध्यान में रखते हुए, कविता कोश के योगदानकर्ताओं से अनजाने में हुई भूल को क्षमा कर दें। यदि कॉपीराइट-धारक को कोई आपत्ति है तो कृपया kavitakosh@gmail.com पर सूचित कर दें। जिन रचनाओं के कविता कोश में होने पर उनके कॉपीराइट-धारक आपत्ति प्रकट करेंगे; उन्हें कविता कोश से हटा दिया जाएगा।