गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 1 जनवरी 2009, at 18:14
प्रेम / प्रयाग शुक्ल
अनिल जनविजय
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 18:14, 1 जनवरी 2009 का अवतरण
(
अंतर
)
← पुराना अवतरण
| वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
प्रयाग शुक्ल
»
यह जो हरा है
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
बहुत दूर था चन्द्रमा
उसकी आभा थी
पास
एक हाथ था
मेरे हाथ में
धमनियों में बह
रही थी
पृथ्वी ।