कुआ तुम्हें मिला उत्तराधिकार?
मुझे तो उत्तराधिकार में मिले पिता
पिता की व्याख्या करता हूँ...
दिन गिनता हूँ-
कोई किसी का पिता नहीं
पिता दिन गिनते हैं-
कोई किसी का बेटा नहीं
एक कोख है
जिसमें सब आ-जा रहे हैं
मृत्यु की ओर बढ़ते पिता
मुझे सौंप देते हैं मृत्यु को
मृत्यु ही उत्तराधिकारी है...